कोरोना पॉजिटिव होने के बावजूद भी क्यों कई बार टेस्ट आता है नेगेटिव? जानें

कोरोना पॉजिटिव होने के बावजूद भी क्यों कई बार टेस्ट आता है नेगेटिव? जानें

सेहतराग टीम

कोरोना वायरस कितना खतरनाक है ये सभी लोग जानते हैं। इसलिए तो सभी देशों में लॉकडाउन लगा हुआ है और लोग घरों से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं। ऐसे में इस समय सबसे बड़ी चुनौती है कि कैसे लोग अपना टेस्ट कराएं। वहीं टेस्ट कराने के लिए सभी देश में सुविधा दी गई है, लेकिन कई बार टेस्ट कराने पर रिपोर्ट नेगेटिव आता है बल्कि होता कोरोना पॉजीटिव है। ऐसी स्थिति में लोग क्या करें ये सबसे बड़ा सवाल है। मतलब टेस्ट का ग़लत आना न सिर्फ मरीज़ों के लिए खतरनाक है बल्कि उन लोगों के लिए भी जिन्हें मरीज़ अनजाने में संक्रमित कर देते हैं। टेस्ट के ग़लत नतीजे आने का मतलब ये है कि एक व्यक्ति के कोरोना वायरस से संक्रमित होने पर भी टेस्ट में वायरस को न पकड़ पाना।

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अभी तक कोरोना वायरस का पता लगाने के लिए दो तरह के टेस्ट उपलब्ध हैं, पहला RT-PCR टेस्ट और दूसरा एंटीबॉडी टेस्ट। इनमें से RT-PCR टेस्ट यानी रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन पॉलीमेरेस चेन रिएक्शन टेस्ट ऐसी स्थिति में बेस्ट है। RT-PCR टेस्ट में मरीज़ के नाक और मुंह के काफी अंदर से सैम्पल लिया जाता है। जबकि एंटीबॉडी टेस्ट ब्लड सैम्पल की मदद से किया जाता है। 

टेस्ट का ग़लत नतीजे देना

ऐसा कई मामलों में देखा गया है जब हल्के लक्षण कुछ ही दिनों में गंभीर कोरोना वायरस के मामले में तबदील हो जाते हैं। ऐसा तब होता है जब शुरुआती टेस्ट में कोरोना वायरस नहीं पाया जाता है। अगर किसी मरीज़ में कोविड-19 के लक्षण साफ तौर पर दिखाई दे रहे हैं, और सीटी स्कैन में भी कोरोना वायरस के संकेत साफ तौर पर देखे जा सकते हैं, लेकिन स्वैब टेस्ट नेगेटिव आता है, तो मरीज़ को कोविड-19 के लिए अस्पताल में भर्ती नहीं किया जा सकता।

यहां तक कि रिसर्च में भी पाया गया है कि 30 प्रतिशत लोग टेस्ट में नेगेटिव पाए जाते हैं, लेकिन इसके बावजूद सरकार की तरफ से ऐसे लोगों के लिए कोई सुविधा नहीं है। ऐसे लोग उपाय के तौर पर सिर्फ लोगों से न मिलें और घर पर क्वारेंटीन करें। 

टेस्ट के नतीजे ग़लत क्यों आ रहे हैं

कोविड-19 के टेस्ट के साथ सबसे बड़ी दिक्कत ये है कि इसे बिना अच्छी तरह टेस्ट किए इस्तेमाल किया जा रहा है। इसके पीछे तेज़ी से फैलता कोरोना वायरस का संक्रमण है, जिसने वैज्ञानिकों को ज़्यादा समय नहीं दिया। विशेषज्ञों ने इसे जल्दबाज़ी में बनाया है। 

सैम्पल का इकट्ठा करना

एक्सपर्ट्स का मानना है कि टेस्ट के लिए जो सैम्पल इकट्ठा करने का तरीका है, उसकी वजह से भी टेस्ट नेगेटिव आ सकते हैं। उदाहरण के तौर पर, अगर नाक या मुंह के काफी अंदर से सैम्पल न लिया जाए, तो टेस्ट नेगेटिव आएगा क्योंकि वायरस काफी अंदर जाता है।

दूसरी समस्या

दूसरी समस्या ये है कि नाक के बाद वायरस अगर फेफड़ों में पहुंच गया है, तो नाक की कोशिकाओं में वायरस काफी कम मात्रा में मिलेगा, जिसकी नतीजा नेगेचिव ही आएगा। 

टेस्ट नेगेटिव आए तो क्या करें

एक बात का ध्यान रखें कि टेस्ट का नेगेटिव आने का मतलब ये नहीं है कि आपको ये बीमारी नहीं है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि अगर आपका टेस्ट में कोरोना वायरस नहीं पाया जाता है, लेकिन इस बीमारी के लक्षण दिखते हैं, तो खुद को घर पर बंद कर लें और सभी सावधानियां बरतें। कुछ दिन बाद दोबारा टेस्ट कराएं। कई बार 3-4 टेस्ट के बाद शरीर में कोरोना वायरस पाया जाता है।   अगर आप कोरोना वायरस के मरीज़ के संपर्क में आए हैं या फिर आपको इससे जुड़े लक्षण महसूस हो रहे हैं, तो सेल्फ आइसोलेट करें और लक्षणों को मॉनीटर करते रहें।

 

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